Tuesday, July 7, 2020

कविता के बहाने --कुंवर नारायण




दिनांक : 26.04.2020
कविता के बहाने
कुंवर नारायण

कविता एक उड़ान है चिड़िया के बहाने
कविता की उड़ान भला चिड़िया क्या जाने
बाहर भीतर
इस घर, उस घर
कविता के पंख लगा उड़ने के माने
चिड़िया क्या जाने?

कविताओं में चिड़िया की उड़ान का चित्रण होता है। चिड़िया का चित्रण करते हुए कविता भी उड़ान भरती है। पर कविता की उड़ान चिड़िया की उड़ान से अलग होती है। यह अन्तर चिड़िया भी नहीं जानती है।

चिड़िया की उड़ान देश (स्थान) और काल (समय) की सीमाओं में ही बंधी होती है। पर कविता की उड़ान की कोई सीमा नहीं होती है। वह देश-काल को पार कर जाती है। भारत में लिखी गई कविता अन्य देशों में और और अन्य देशों की कविता भारत में पढ़ी जाती है। पांच सौ साल पहले लिखी गई कविता आज भी पढ़ी जाती है और भविष्य में भी पढ़ी जाती रहेगी। इस प्रकार कविता स्थान और समय की बाधा को स्वीकार नहीं करती है। इसी कविता में चित्रित की गई चिड़िया भी मानो कविता के पंख लगाकर स्थान और समय की सीमा को पार कर जाती है, पर उसे नहीं पता होता है कि कविता सभी स्थानों और सभी कालों में कैसे फैल जाती है। इस प्रकार कविता और चिड़िया की उड़ान में अन्तर है। चिड़िया कविता लिखने की प्रेरणा देती है।
देश-काल- स्थान और समय-TIME AND SPACE
कविता एक खिलना है फूलों के बहाने
कविता का खिलना भला फूल क्या जाने
बाहर भीतर
इस घर, उस घर
बिना मुरझाए महकने के माने
फूल क्या जाने?
फूल खिलते-महकते और मुरझा जाते हैं और कविताओं में उनके खिलने-महकने का चित्रण होता है।
कविता भी फूल की  तरह खिलती है।
पर फूल को नहीं पता है कि कविता कैसे देश (स्थान) और काल (समय) की सीमाओं को पार करके खिलती-महकती रहती है। फूल को नहीं पता कि कविता कैसे बिना मुरझाए अनंतकाल तक खिलती और महकती है।
इस प्रकार कविता और फूलों के खिलने-महकने में अन्तर है। फूल कविता लिखने की प्रेरणा देते हैं।
कविता एक खेल है बच्चों के बहाने
बाहर भीतर
यह घर, वह घर
सब घर एक कर देने के माने
बच्चा ही जाने!
बच्चे घर, परिवार, जाति, धर्म, राष्ट्रीयता, समय, स्थान की परवाह किए बिना खेलते हैं।
कविता में बच्चों के खेलने का चित्रण होता है। बच्चों के बहाने कविता भी घर, परिवार, जाति, धर्म, राष्ट्रीयता आदि के भेदभाव से स्वतंत्र होकर खेलती है।
भेदभाव को न मानने, सद्भाव और एकता स्थापित करने में कविता और बच्चे एक जैसे होते हैं। उनमें कोई अन्तर नहीं होता है।


दिनांक 24.04.2020 को आपके पास यह कविता भेजी गई थी।
आशा है, आपने कविता को अनेक बार पढ़ा होगा और अब भेजी गई इस व्याख्या को भी पढ़ा और समझा होगा।
अब आपको अधोलिखित प्रश्नों के उत्तर देने में कोई कठिनाई नहीं होगी।

प्रश्न :
1.     कविता और चिड़िया की उड़ान में क्या अन्तर है?
2.     कविता और फूल के खिलने-महकने में क्या अन्तर है?
3.     कविता किस प्रकार देश और काल की सीमा को पार कर जाती है?
4.     कविता और बच्चों में क्या समानता है?
5.     ‘सब घर एक कर देने के माने’ का क्या अर्थ है?
6.     इस कविता के आधार पर ‘कविता’ के विषय में आपके क्या विचार बनते हैं? कविता की विशेषताएं बताइए।

                                                 15.04.2020 को अधोलिखित पत्र-लेखन का प्रश्न दिया गया था, जिसे किसी छात्र-छात्रा ने नहीं लिखा है। कल
                                                  दिनांक 27.04.2020 को हम इस प्रश्न को करेंगे।  प्रश्न में एक विषय और जोड़ दिया गया है।
‘सरोकार’ नामक संस्था ने विज्ञापन दिया है कि वह ग्रीष्मावकाश मेंकुछ चुने हुए गांवों में जाकर ‘कोरोनावायरस जागरूकता एवं प्रौढ़  शिक्षा शिविर’ चलाना चाहती है। अपनी रुचि और योग्यता का उल्लेख करते हुए आवेदन-पत्र लिखिए।

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